How do you protect yourself from Catfishing in Hindi - आप खुद को कैटफ़िशिंग से कैसे बचाते हैं

How do you protect yourself from Catfishing in Hindi - आप खुद को कैटफ़िशिंग से कैसे बचाते हैं

आजकल लोग दोस्ती के लिए आनलाइन प्लेटफार्म का खूब इस्तेमाल करते हैं । मगर दोस्ती की चाहत में 'कैटफिशिंग' से बच कर रहें और आज आप इस आर्टिकल में "आप खुद को कैटफ़िशिंग से कैसे बचाते हैं" के बारे में जानेंगे। यह ऐसा आनलाइन जोखिम है, जो न सिर्फ आपके दिल को तोड़ सकता है, बल्कि बैंक बैलेंस भी खाली कर सकता है ।
How do you protect yourself from Catfishing in Hindi - आप खुद को कैटफ़िशिंग से कैसे बचाते हैं
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जानें कैटफिशिंग से खुद को कैसे करें सुरक्षित ...

इसमे कोई शक नहीं कि आजकल आनलाइन दोस्ती रोमांचक लगती है, लेकिन याद रखें कि आनलाइन दोस्ती की दुनिया धोखे से भरी हुई है। अगर सावधान नहीं हैं, तो कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दोस्ती की आड़ में ऐसी ही एक फ्राड एक्टिविटी है कैटफिशिंग, जो इंटरनेट पर तेजी से फैल रही है। कैटफिशिंग का मतलब है किसी व्यक्ति को झूठी पहचान के साथ आनलाइन बहकाना और उससे ठगी करना। आजकल देखें तो आनलाइन रिश्तों में लोगों के ठगे जाने की कहानियां हमारे चारों तरफ हैं। यदि आनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक, स्नैपचैट, इंस्टाग्राम, टिंडर आदि पर नये दोस्त की तलाश कर रहे हैं, तो 'कैटफिशर' से बच कर ही रहें।

कैटफिशिंग क्या है? 

वर्ष 2010 में अमेरिकी डाक्यूमेंट्री फिल्म 'कैटफिश' के रिलीज होने के बाद यह पता चला कि इंटरनेट पर फिल्म के नायक की तरह कई लोगों को ठगा गया था। 'कैटफिशिंग' शब्द इसी फिल्म से प्रचलन में आया है। यह फिल्म नायक और 19 वर्षीय महिला के आनलाइन संबंधों पर आधारित थी। फिल्म में जिस महिला के साथ उसका रिश्ता था, वह वास्तव में 40 वर्षीय हाउसवाइफ थी। उसने न सिर्फ अपनी नकली प्रोफाइल बनाई थी, बल्कि कई फेक दोस्त और एकाउंट भी बना रखे थे। दरअसल, कैटफिशिंग एक ऐसी घटना है, जहां एक व्यक्ति अन्य लोगों को फंसाने, बरगलाने या फिर ठगने के लिए अपनी एक अलग आनलाइन पहचान गढ़ता-बताता है। कैटफिशर अपनी असली पहचान छिपाने के लिए टेक्नोलाजी का उपयोग करता है। कैटफिशर पैसे ठगने के साथ लोगों की पहचान भी चुरा सकता है।

कैसे पहचानें कैटफिशर को

आनलाइन किसी से वर्षों तक दोस्ती या प्यार में रहने के बाद यह पता चले कि व्यक्ति वास्तव में वह नहीं है, जो प्रोफाइल में है, तो किसी के लिए यह एक भावनात्मक झटका भी हो सकता है। नकली प्रोफाइल के पीछे कार्य करने वाले लोगों के इरादे अधिक भयावह होते हैं। कैटफिशर पैसे या उपहार के लिए ब्लैकमेल कर सकते हैं। ऐसे अनगिनत मामले भी हैं, जहां कैटफिशर पीड़ितों को बड़ी रकम भेजने के लिए मना लेते हैं। आनलाइन दोस्ती की दुनिया में कैटफिशिंग अब आम बात हो गई है। अगर इंटरनेट पर सच्चा प्यार पाना चाहते हैं, तो आपको अपनी आंख और कान खुले रखने होंगे ताकि कैटफिशर को पहचान सकें। आपको बता दें कि कैटफिशर व्यक्तिगत रूप से न मिलने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। ऐसे में लोगों को समझ जाना चाहिए कि अगर व्यक्ति मिलने से कतरा रहा है,तो कहीं न कहीं यह खतरे का संकेत है। कैटफिशर संवेदनशील लोगों को अपना टार्गेट बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इन प्लेटफार्म पर सीधे किसी पर भरोसा न करें। सतर्क रहें और उन भावनाओं से प्रभावित न हों, जो इंटरनेट पर दूसरी तरफ वाला व्यक्ति व्यक्त करता है। चेतावनी के संकेतों पर पूरा ध्यान दें। अगर कुछ संदिग्ध लगता है, तो उस व्यक्ति से दूर होने में ही भलाई है। देखा जाए, तो वर्चुअल दुनिया में दोस्ती हमेशा जोखिम से भरी होती है। यदि सावधानी से आगे नहीं बढ़ते हैं, तो यह महंगा पड़ सकता है।

ये हो सकते हैं वार्निंग साइन

आनलाइन दुनिया में अत्यधिक सक्रिय हैं, तो फिर आपको ध्यान रखना होगा कि कहीं कैटफिशर के जाल में तो नहीं उलझते जा रहे हैं। कुछ बातों पर ध्यान देकर आसानी से कैटफिशर को पकड़ सकते हैं....
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Warning

कमजोर इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल: कैटफिशर का इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल बहुत आश्वस्त करने वाला नहीं होता है। प्रोफाइल या तो अधूरा होगी या पूरी तरह से नई होगी। फ्रेंड लिस्ट लंबी नहीं होगी और प्रोफाइल पर पोस्ट भी कम ही होंगे।

आमने-सामने मिलने से बचेंगे: महीनों या सालों तक चैट करने के बाद भी आपसे व्यक्तिगत रूप से न मिलने का बहाना बनाएंगे और वीडियो चैट से भी बचेंगे। 

गंभीर होने में समय नहीं लेगा: कैटफिशर आपके साथ संबंधों को लेकर बहुत जल्दी गंभीर हो सकते हैं। आपसे तमाम तरह के वादे करेंगे। यहां तक कि कुछ हफ्तों या महीनों की चैटिंग के बाद ही प्रपोज करने लगेंगे। ऐसे में आपको समझ . जाना जाहिए कि कुछ-न-कुछ गड़बड़ है।

ये टिप्स बचा सकते हैं कैटफिशर से

आनलाइन दोस्ती आसान है, मगर कुछ चुनौतियां भी हैं। आप कुछ आनलाइन नियमों का पालन करते हैं, तो सुरक्षित रह सकते हैं:

• सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर कुछ टाप सुरक्षा सेटिंग्स होती हैं, जिनका आपको लाभ उठाना चाहिए।

• हर महीने अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आपका व्यक्तिगत डाटा पूरी तरह सुरक्षित है।

• इंटरनेट मीडियो पर जो जानकारी साझा कर रहे हैं, उसको लेकर हमेशा सावधान रहें।

• निजी बात शेयर करने से बचें। गोपनीय जानकारी जैसे कि बैंक खाते की डिटेल, घर का पता आदि किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं बताएं, जिनसे आनलाइन मिले हैं।

• गूगल जैसे सर्च इंजन से प्रोफाइल की जांच करें। इसके लिए रिवर्स इमेज सर्च की मदद ले सकते हैं।

• स्मार्ट तरीके से प्रोफाइल को एक्सप्लोर करें। देखें कि प्रोफाइल में छोटी फ्रेंड लिस्ट है, टैग की गई तस्वीरें नहीं है, दोस्तों और परिवार के साथ कोई तस्वीर नहीं है, तो निश्चित रूप से कुछ संदिग्ध है।

• हमेशा उन प्लेटफार्म का उपयोग करें, जो संदिग्ध प्रोफाइल को रिपोर्ट करने की अनुमति देते हैं। इससे आप न केवल खुद को, बल्कि दूसरों को भी कैटफिशर से बचा सकेंगे।

FAQ

1. फिशिंग अटैक क्या है?
दरअसल, कैटफिशिंग एक ऐसी घटना है, जहां एक व्यक्ति अन्य लोगों को फंसाने, बरगलाने या फिर ठगने के लिए अपनी एक अलग आनलाइन पहचान गढ़ता-बताता है। कैटफिशर अपनी असली पहचान छिपाने के लिए टेक्नोलाजी का उपयोग करता है। कैटफिशर पैसे ठगने के साथ लोगों की पहचान भी चुरा सकता है।

2. कैट फिशिंग चलन में कब आया?

वर्ष 2010 में अमेरिकी डाक्यूमेंट्री फिल्म 'कैटफिश' के रिलीज होने के बाद यह पता चला कि इंटरनेट पर फिल्म के नायक की तरह कई लोगों को ठगा गया था। 'कैटफिशिंग' शब्द इसी फिल्म से प्रचलन में आया है।

3. कैट फिशिंग को कैसे पहचाने?

कमजोर इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल, आमने-सामने मिलने से बचेंगे, कैटफिशर आपके साथ संबंधों को लेकर बहुत जल्दी गंभीर हो सकते हैं।

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